असम सरकार ने 26 जून 2025 से आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति नये आधार कार्ड के लिए केवल जिला अधिकारी (डीसी) के कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। पहले की स्थिति में, लोकल दुकानें, साइबर कैफे या सामान्य सेवा केंद्र (CSC) का उपयोग करके आधार बनवाना संभव था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। वहीं, 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए उसी पुराने नियम को लागू रखा गया है। यह परिवर्तन असम में सुरक्षा कारणों से किया गया है। हाल ही में, 20 अवैध प्रवासियों को पकड़ा गया था जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से आधार कार्ड प्राप्त किए थे। ये सभी बांग्लादेश से अवैध रूप से आए थे और नकली राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र जैसी चीज़ों का उपयोग कर रहे थे।मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस विषय पर टिप्पणी की, “आधार केवल एक कार्ड नहीं है, बल्कि यह हमारे देश के प्रति एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी है।”
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Aadhar Card New update |
इस नए नियम के कई लाभों की उम्मीद की जा रही है। फर्जी आधार कार्ड बनाना कठिन हो जाएगा, जिससे सरकारी योजनाओं जैसे राशन, पेंशन और मनरेगा का लाभ सही लाभार्थियों तक पहुंचेगा। इसके अलावा, चुनावों में फर्जी वोटिंग पर रोक लगेगी और असम की सांस्कृतिक पहचान और भाषा को भी सुरक्षा मिलेगी। फिर भी, इस प्रक्रिया के दौरान आम लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उदाहरण के लिए, दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोग, विशेषकर धुबरी, करीमगंज और नागांव जैसे सीमावर्ती जिलों के निवासी, 150 से 200 किलोमीटर दूर स्थित डीसी ऑफिस जाने के लिए मजबूर हैं। इससे उन्हें 500 से 1000 रुपये का खर्च उठाना पड़ता है और 2 से 3 दिन की मजदूरी भी खोनी पड़ती है।बुजुर्गों, महिलाओं और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए यह प्रक्रिया और भी चुनौतीपूर्ण होती है।
दसरे कारण यह है कि डीसी ऑफिस में पहले से लंबी लाइनें और भीड़ भी रहती है जिसके कारण आवेदन जमा करने में अौर इंतजार करने में लोगों को हफ्ते ये महिने लग सकते हैं। वे लोग जिनके पास जन्म प्रमाणपत्र या वोटर आईडी कार्ड आदि जो दस्तावेज नहीं होते उस वजह से उन्हें बार बार चक्कर लगाने पड जाते हैं। कुछ समुदाय जैसे मुस्लिम, बंगाली बोल वाले, और गरीब व्यक्ति शक्की नजर से देखसकते हैं। उन व्यक़्ति क़ा जिसका आवेदन रिजेक्ट हो जाएगा उसे अपील करने को कोई आसान और स्पष्ठ मार्ग नहीं दिया है।इससे बड़ी चिंता की बात यह है कि जो लोग आधार कार्ड के लिए पंजीकरण नही कर पाए हैं उन्हें बैंक खाता फ्रीज, मोबाइल सिम बंद और सरकारी अस्पतालों में लाइसेंस पर इलाज जैसी मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है। सरकार के साथ ऐसे कई सारे चुनौतियाँ भी हैं, जैसे कि गाँवों में आधार आवेदन लेने वाली मोबाइल वैन अब तक इनकियोंपर काम शुरू नही हुआ है। आवेदन कितने समय और लेंगे यह तो कुछ समय से पहले उसका भी कोई स्पष्ट समय सीमा नही तय की गई है। साथ ही 2025 से पहले बने करोड़ पर करोड़ आधार कार्ड की जांच तक अभी तक शुरू नहीं हुई है।किसी भी परिस्थिति में, इसका कारण और आपील की प्रक्रिया किए जाने के बिना, किसी भी व्यक्ति का आधार आवेदन रद्द कर दिया जाता है।
असम के नागरिकों को अपने आधार कार्ड के लिए बनाने से पहले अपने दस्तावेजों, जैसे जन्म से कागज़ और शेड्यूल कास्ट और भू प्रमाणपत्र जैसी प्रमुख दस्तावेजों की कॉपी बना लेनी चाहिए।पहुंचने से पहले डीसी ऑफिस को फोन करके सुनिश्चित करें कि वह दिन वाले आवेदन किये जा रहे हैं और कौन से दस्तावेज़ जरूरी होंगे. साथ ही आपको आवेदन के समय हस्ताक्षर होने की रसीद जरूर लेनी चाहिए. अगर किसी का आवेदन रद्द होता है तो तुरंत लिखित शिकायत डीसी को दे और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC Helpline: 14425) या किसी सामाजिक कार्यकर्ता से संपर्क करें।एक और हो सकता है कि यह सोशल मीडिया पर अपने #AssamAadhaarProblem हैशटैग के साथ अपनी आवाज़ बुलंद करने में मदद कर सकता है। किसी भी सिटी ग्राहक या बच्चे कहानी को साझा करना बहुत है, लेकिन इच्छुवा मुहूर्त एक जोरदार समर्थन लिखना है। और ईमेल, सेनेटर और मेंबर ऑफ पार्लियामेंट, खड़े रहें।
इस पूरे केस के लिए संतुलन आवश्यक है। सरकार का लक्ष्य यह नहीं होना चाहिए कि उन्होंने लोगों को घुसपैठ और फर्जी दस्तावेज़ों को रोकना है, जो कि सराहनीय है।
लेकिन यह भी जरूरी है कि देश के गरीब और ग्रामीण नागरिकों को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए। जैसे घर को सुरक्षित रखने के लिए ताला ज़रूरी है, वैसे ही घर के हर सदस्य के पास उसकी चाबी भी होनी चाहिए। सरकार को चाहिए कि डीसी ऑफिस में भीड़ कम करने के लिए मोबाइल वैन की सुविधा जल्द शुरू करे, आवेदन रिजेक्ट होने पर स्पष्ट कारण बताए और अपील करने का अधिकार दे। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी निर्दोष और असली भारतीय नागरिक को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
29 जून 2025 तक की स्थिति के अनुसार, यह नियम पूरे असम राज्य में लागू हो चुका है। अब तक कोई भी मोबाइल वैन या ऑनलाइन सुविधा चालू नहीं की गई है। असम पुलिस ने यह भी पुष्टि की है कि पकड़े गए 20 घुसपैठियों को निर्वासित कर दिया गया है। पुराने आधार कार्डों की जांच सरकार के अनुसार अगले चरण में शुरू की जाएगी। पड़ोसी राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा ने अभी तक ऐसा कोई नियम लागू नहीं किया है।
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