"मैंने धरती को नीले मोती की तरह चमकते देखा!"
ये शब्द भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के थे। आज, सुभांशु शुक्ला ने उसी अनुभव को जिया! 25 जून 2024 को ये भारतीय मूल के हीरो अंतरिक्ष में उड़ चुके। पूरा भारत उन पर गर्व कर रहा है।
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Shubhanshu Shukla |
सुभांशु शुक्ला स्पेससूट में (https://via.placeholder.com/800x400/1e3a8a/ffffff?text=Subhanshu+Shukla+in+Space+Suit)
सुभांशु शुक्ला - भारत का गौरव (छवि: Axiom Space)
कौन हैं सुभांशु शुक्ला?
- पढ़ाई:IIT से इंजीनियरिंग + अमेरिका के MIT से एडवांस डिग्री।
- खास बात: उन्हें हवाई जहाज़ उड़ाने का शौक था। प्राइवेट पायलट का लाइसेंस भी हासिल किया!
- काम: अमेरिका की कंपनी Axiom Space में प्रोग्राम मैनेजर। यहीं से अंतरिक्ष का सपना पूरा हुआ।
सफर: जमीन से आसमान तक
1. इंजीनियर से पायलट:
- हवाई जहाज़ों को डिज़ाइन किया।
- यूएस एयर फोर्स के साथ जुड़े। दुनिया के सबसे कठिन टेस्ट पायलट कोर्स में सफल हुए।
2. सितारों की चाहत:
- Axiom Space में काम करते हुए अंतरिक्ष यात्री बनने का मौका मिला।
- कड़ी ट्रेनिंग पास की: जीरो ग्रैविटी, स्पेसवॉक, आपातकालीन ड्रिल।
ट्रेनिंग करते सुभांशु
https://via.placeholder.com/700x300/d97706/ffffff?text=Subhanshu+Shukla+Astronaut+Training
अंतरिक्ष यात्री बनने की कठिन तैयारी (छवि: NASA)
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Ax-4 क्रू की ग्रुप फोटो |
- तारीख: 25 जून 2024
- जगह: NASA केनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा
- रॉकेट: SpaceX का फाल्कन 9
- यान: क्रू ड्रैगन "फ़्रीडम"
- साथी: 3 अन्य अंतरिक्ष यात्री (अमेरिका और इज़राइल से)
ISS पर 14 दिन:
- अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर रहे।
- 30+ वैज्ञानिक प्रयोग किए। जैसे:
- अंतरिक्ष में पौधे उगाना
- माइक्रोग्रैविटी में मटेरियल टेस्ट
- मेडिकल रिसर्च
भारत के लिए क्यों खास?
- 🇮🇳 अंतरिक्ष में भारत का नाम रोशन किया।
- 🚀 युवाओं को संदेश: "सपने देखो, मेहनत करो, सितारे छू लो!"
सुभांशु का संदेश:
अंतरिक्ष का भविष्य
- Axiom Space बना रहा है दुनिया का पहला प्राइवेट स्पेस स्टेशन।
- भारत भी आगे बढ़ रहा: गगनयान मिशन (2025) से पहले भारतीय ISS पर जाएँगे।
- सुभांशु जैसे यात्री निजी अंतरिक्ष उड़ानों का रास्ता खोल रहे हैं!
अधिक जानें:
1. [Axiom Space की आधिकारिक वेबसाइट](https://www.axiomspace.com/)
2. [NASA का ISS लाइव ट्रैकर](https://spotthestation.nasa.gov/)
3. [SpaceX के क्रू ड्रैगन के बारे में](https://www.spacex.com/vehicles/dragon/)

आखिरी शब्द
सुभांशु शुक्ला ने साबित किया कि भारतीय प्रतिभा कहीं भी पहुँच सकती है। चाहे वो IIT की लैब हो या अंतरिक्ष का ISS! उनका सफर हर भारतीय के लिए प्रेरणा है।
"तकनीक + जुनून = सितारों तक पहुँच!
*जय हिंद! जय विज्ञान!
फ़ैक्ट चेक:
- सुभांशु अब तक सुरक्षित धरती पर लौट चुके हैं।
- उनकी यात्रा ने भारत में स्पेस साइंस के प्रति रुचि बढ़ाई है।
- अगला लक्ष्य: भारत का गगनयान मिशन!
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