हनीमून हत्याकांड: इंदौर कपल केस की पूरी सच्चाई - पत्नी सोनम ने पति राजा को मारने की रची थी साजिश?


11 मई 2025 को इंदौर के राजा रघुवंशी (29) और सोनम रघुवंशी (25) का रिश्तेदारों की मौजूदगी में रंगारंग विवाह हुआ। सब कुछ सामान्य लग रहा था। लेकिन उनकी मेघालय हनीमून यात्रा एक सनसनीखेज हत्याकांड में बदल गई। जहां राजा की लाश 2 जून को एक खाई में मिली, वहीं सोनम को उसके प्रेमी राज कुशवाहा और तीन हत्यारों के साथ गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक, सोनम ने शादी के महज चार दिन बाद ही अपने पति को मारने की साजिश रच दी थी।

 घटना का क्रमवार विवरण (क्राइम टाइमलाइन)
11 मई:इंदौर में राजा और सोनम का विवाह सम्पन्न हुआ। सूत्रों के मुताबिक, सोनम ने 16 मई को अपने प्रेमी राज कुशवाहा से फोन पर कहा: "हम दिखाएंगे कि यह डकैती थी... विधवा होने के बाद मैं तुमसे शादी कर लूंगी" ।
20 मई: दंपति हनीमून के लिए मेघालय के लिए रवाना हुए। हैरानी की बात यह है कि उन्होंने वापसी की टिकट बुक नहीं की थी।
21 मई:
    दोपहर: गुवाहाटी पहुंचे, जहां से शिलांग के लिए कैब ली।
    शाम 6 बजे: शिलांग के बालाजी गेस्ट हाउस में चेक-इन किया।
    इसी दिन तीन आरोपी हत्यारे (आकाश, आनंद, विशाल) गुवाहाटी पहुंचे। पुलिस का दावा है कि गुवाहाटी रेलवे स्टेशन के पास से ही मर्डर वेपन (माचिस) खरीदा गया।
22 मई:
     सुबह: दंपति ने शिलांग में स्कूटी किराए पर ली और सोहरा (चेरापूंजी) के लिए रवाना हुए।
     शाम: मावलखियात गांव पहुंचे, स्कूटी पार्किंग में छोड़ी और गाइड की मदद से नोंगरियत गांव के शिपारा होमस्टे में पहुंचे।
    आरोपी हत्यारे भी शिलांग पहुंचे और दंपति का पीछा करने लगे
23 मई - भीषण हत्या:
    सुबह: होमस्टे से बिना गाइड के चेकआउट किया।
    10 बजे: स्थानीय गाइड अल्बर्ट पीडीई ने दंपति को तीन हिंदी बोलने वाले युवकों के साथ देखा। राजा उन तीनों के साथ आगे चल रहे थे जबकि सोनम पीछे चल रही थी .
     दोपहर करीब 2:15 बजे: राजा के सोशल मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट आई - "सात जन्मों का साथ". यह पोस्ट बाद में पुलिस के लिए संदिग्ध साबित हुई।
      वेई सॉडॉंग वाटरफॉल के पास हत्या: आरोपियों के बयान के मुताबिक, सोनम ने हत्यारों को इशारा करते हुए कहा "हिट हिम!" राजा के सिर के आगे और पीछे माचिस से जानलेवा वार किए गए . राजा की लाश खाई में फेंक दी गई।
    सोनम हत्यास्थल से करीब 10 किमी दूर CCTV में देखी गईं .
24 मई: सोहरारिम गांव में दंपति की किराए की स्कूटी छोड़ी पाई गई। तलाशी अभियान शुरू हुआ। 
25 मई: सोनम गुवाहाटी से ट्रेन पकड़ कर इंदौर पहुंचीं। यहां उनकी मुलाकात राज कुशवाहा से हुई, जिन्होंने उनके रहने के लिए एक किराए का कमरा ढूंढा था। हैरानी की बात यह है कि राजा के शव के इंदौर पहुंचने पर राज कुशवाहा ने शोकाकुल परिजनों को वाहन से श्मशान तक पहुंचाने में "मदद" भी की !
*2 जून:ड्रोन से खोज के बाद– वेई सॉडॉंग वाटरफॉल के पास राजा का अर्ध-विघटित शव मिला। उनके शरीर से सोने की अंगूठी और चेन गायब थी .
3-4 जून:पुलिस को खून से सनी हुई रेनकोट और हत्या के हथियार (माचिस) का पता चला। सोनम का पहना हुआ रेनकोट आकाश को दिया गया था, जिसे उसने अपना खून से सना जैकेट छिपाने के लिए पहना, लेकिन बाद में फेंक दिया।
7 जून: मेघालय पुलिस ने 'ऑपरेशन हनीमून' लॉन्च किया। 20 सदस्यीय कोर टीम ने आरोपियों को ट्रैक करना शुरू किया ।
8-9 जून: गिरफ्तारियां:
    सोनम ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के नंदगंज थाने में सरेंडर किया। एक ढाबे में बुखार और बेहद व्याकुल अवस्था में पाई गईं .
    राज कुशवाहा (सोनम का प्रेमी, मास्टरमाइंड), आकाश राजपूत (हत्यारा), विशाल सिंह चौहान(हत्यारा), और आनंद कुरमी (हत्यारा) को मध्य प्रदेश और यूपी में ऑपरेशन के दौरान गिरफ्तार किया गया। आनंद को उसी कपड़े में गिरफ्तार किया गया जो उसने हत्या के दिन पहना था। 

साजिश का खुलासा: प्यार, धोखा और क्रूर हत्या
पुलिस जांच और आरोपियों के बयानों से जो चौंकाने वाली तस्वीर उभरती है, वह किसी सिनेमाई थ्रिलर से कम नहीं है:

1. मकसद: पुलिस और आरोपी राज कुशवाहा के बयान के मुताबिक, सोनम का अपने परिवार द्वारा तय किए गए राजा से विवाह में मन नहीं था। वह अपने पूर्व प्रेमी राज कुशवाहा से प्यार करती थी, जो उसके पिता के व्यवसाय में एकाउंटेंट भी था। शादी के बाद भी उनका संपर्क बना रहा।सोनम ने राज से वादा किया था कि अगर राजा को खत्म कर दिया गया तो वह विधवा होने के बाद उससे शादी कर लेगी। उसे उम्मीद थी कि उसके पिता इस शादी को मंजूरी दे देंगे ।
2.योजना: पुलिस का दावा है कि शादी के सिर्फ चार दिन बाद, जब सोनम विवाह के बाद अपने मायके गई (गौना से पहले की रस्म), तो उसने राज कुशवाहा के साथ मिलकर हनीमून के दौरान हत्या की साजिश रची। राज ने अपने तीन जानकारों (आकाश, विशाल, आनंद) को हत्या के लिए तैयार किया। हत्यारे 17 मई को इंदौर से ट्रेन द्वारा गुवाहाटी के लिए रवाना हुए ।
3.एग्जीक्यूशन: सोनम पूरे हनीमून ट्रिप के दौरान अपनी लोकेशन और गतिविधियों की जानकारी राज कुशवाहा को देती रही, जिससे हत्यारों को उनका पीछा करने में आसानी हुई . 23 मई की सुबह नोंगरियत से मावलखियात की चढ़ाई (लगभग 3,000 सीढ़ियां) के दौरान मौका मिलने पर हत्या कर दी गई। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि हत्या सोनम की मौजूदगी में हुई और उसने ही हमला करने का इशारा दिया ।
4.कवर-अप का प्रयास: साजिश के तहत हत्या को डकैती का नाटक बनाने की योजना थी। राजा के शव से सोने की अंगूठी और चेन हटा ली गईं। सोनम ने अपने रेनकोट को आकाश को दिया ताकि उसका खून से सना हुआ जैकेट छिप सके। इस रेनकोट को बाद में हत्या स्थल से 6 किमी दूर फेंक दिया गया - पुलिस का मानना है कि यह जानबूझकर किया गया था ताकि जांच को गुमराह किया जा सके . हत्या के बाद सोनम ने अपना मोबाइल फोन नष्ट कर दिया ताकि कोई सबूत न बचे।


सोनम की फरारी और धरपकड़
हत्या के बाद सोनम का भागना और फिर गिरफ्तारी भी किसी रहस्य से कम नहीं है:

मेघालय से निकलना: हत्या के बाद (23 मई), सोनम हत्या स्थल से लगभग 10 किमी दूर एक CCTV में देखी गईं . वहां से वह कैसे गुवाहाटी पहुंची, यह अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। पुलिस के अनुसार सभी आरोपी हत्या स्थल से 11 किमी दूर इकट्ठा हुए थे (राज कुशवाहा मेघालय नहीं आया था) .
इंदौर पहुंचना: 25 मई को सोनम गुवाहाटी से सिलीगुड़ी होते हुए ट्रेन से इंदौर पहुंचीं।इंदौर में उनकी मुलाकात राज कुशवाहा से हुई। राज ने उनके ठहरने के लिए एक किराए का कमरा ढूंढा था, जबकि खुद किसी होटल में ठहरा। इस दौरान राजा के शव का इंदौर पहुंचना, अंतिम संस्कार की तैयारियां, और फिर राज कुशवाहा का शोकाकुल परिवार को वाहन से श्मशान घाट पहुंचाना। जैसी घटनाएं हुईं - जो अब और भी भयावह लगती हैं ।
उत्तर प्रदेश की ओर प्रस्थान: इंदौर में एक दिन रुकने के बाद, सोनम को एक ड्राइवर द्वारा कार से उत्तर प्रदेश की ओर ले जाया गया। उनका रास्ता वाराणसी होते हुए गाजीपुर की तरफ था .
गाजीपुर में सरेंडर:8 जून की देर रात (लगभग 2:30 बजे), सोनम एक बुखार और अत्यंत व्याकुल अवस्था में गाजीपुर के नंदगंज इलाके के एक ढाबे में पहुंचीं। उन्होंने ढाबे के मालिक का फोन लेकर अपने भाई गोविंद को फोन किया। गोविंद ने गाजीपुर में अपने एक जानकार को सूचना दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और सोनम को हिरासत में लिया । पुलिस ने इसे "सरेंडर" बताया, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पुलिस को पहले से ही उसके स्थान की जानकारी हो सकती थी ।
'ऑपरेशन हनीमून' और दूसरे आरोपियों की गिरफ्तारी: इसी बीच मेघालय पुलिस की 20 सदस्यीय कोर टीम (कुल 120 कर्मी तैनात) ने मध्य प्रदेश और यूपी में छापेमारी करते हुए अन्य चारों आरोपियों - राज कुशवाहा, आकाश राजपूत, विशाल सिंह चौहान और आनंद कुरमी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का दावा है कि उन्हें 3 जून को ही पता चल गया था कि सोनम शामिल है, जब आकाश की खून से सनी जैकेट और सोनम का रेनकोट मिला .


जांच में मिले प्रमुख सबूत
इस जटिल मामले को सुलझाने में पुलिस को कई अहम सबूत मिले:

1.गाइड अल्बर्ट पीडीई की गवाही: यह केस तेजी से मोड़ लेने वाली सबसे महत्वपूर्ण गवाही थी। अल्बर्ट ने पुलिस को बताया कि कैसे उसने 23 मई सुबह लगभग 10 बजे नोंगरियत से मावलखियात की चढ़ाई कर रहे दंपति को तीन हिंदी बोलने वाले युवकों के साथ देखा था। उसने पहचान लिया क्योंकि उसने पिछले दिन उन्हें गाइड करने की पेशकश की थी। उसने बताया कि चारों पुरुष आगे चल रहे थे और सोनम पीछे थी।
2. हथियार (माचिस) और रेनकोट:हत्या के अगले दिन (3 जून) हत्या स्थल के पास एक खून से सना हुआ माचिस मिला। पुलिस ने तुरंत संदेह जताया क्योंकि इस तरह का माचिस स्थानीय लोग इस्तेमाल नहीं करते . 4 जून को हत्या स्थल से करीब 6 किमी दूर मावकमा गांव में एक खून के दाग वाला रेनकोट बरामद हुआ। सीसीटीवी फुटेज से पुष्टि हुई कि सोनम ने ऐसा ही रेनकोट पहना था . पुलिस को आरोपियों से पता चला कि सोनम ने अपना रेनकोट आकाश को दिया था ताकि वह अपना खून से सना जैकेट छिपा सके। आकाश ने बाद में रेनकोट फेंक दिया .
3.सोशल मीडिया पोस्ट और फोटो की कमी: पुलिस को शक हुआ जब पता चला कि हनीमून पर जाने के बावजूद दंपति ने एक साथ की कोई फोटो नहीं खींची और न ही सोशल मीडिया पर कोई तस्वीर शेयर की। इसके विपरीत, 23 मई दोपहर करीब 2:15 बजे राजा के सोशल मीडिया अकाउंट से "सात जन्मों का साथ" नामक एक पोस्ट आई। चूंकि राजा की हत्या तब तक हो चुकी थी (आखिरी सीसीटीवी सिक्योरिटी फुटेज सुबह 10 बजे का था), पुलिस का मानना है कि यह पोस्ट सोनम या उसके साथियों ने ही की थी ताकि संदेह कम किया जा सके। यह पोस्ट पुलिस के लिए एक बड़ा क्लू साबित हुई।
4.सीसीटीवी फुटेज और फोन रिकॉर्ड्स:जांच टीम ने कई स्थानों के सीसीटीवी फुटेज एकत्र किए, जिसमें दंपति का होमस्टे पर आना-जाना, और खासकर हत्या के बाद सोनम का हत्या स्थल से 10 किमी दूर देखा जाना शामिल था। इसके अलावा, सोनम के फोन रिकॉर्ड से पता चला कि वह हनीमून के दौरान लगातार राज कुशवाहा के संपर्क में थी और अपनी लोकेशन शेयर कर रही थी . हालांकि, हत्या के बाद उसने अपना फोन नष्ट कर दिया .
5.पोस्टमार्टम रिपोर्ट: राजा के शव के पोस्टमार्टम से पता चला कि उनके सिर के आगे और पीछे माचिस से की गई गहरी चोटें ही मौत का कारण थीं ।यह चोटें बरामद माचिस से मेल खाती हैं।


 पीड़ित परिवार की प्रतिक्रिया और मांग
राजा की हत्या और सोनम के संलिप्त होने की खबर ने परिवार को झकझोर कर रख दिया है:

सीबीआई जांच की मांग: राजा के परिवार ने शुरू से ही मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने अपने सहकार नगर, इंदौर स्थित घर के बाहर एक बैनर लगाया है जिस पर लिखा है:
    "राजा की आत्मा केंद्र व राज्य सरकार को पुकारती है - मैं मरा नहीं, मुझे मारा गया है। जांच सीबीआई से करवाई जाए।"
    बैनर पर दंपति की शादी की तस्वीरें भी लगी हैं।
मेघालय सरकार पर आरोप:राजा के भाई विपिन रघुवंशी ने आरोप लगाया कि मेघालय पुलिस ने उनके भाई की तलाश में लापरवाही बरती। उन्होंने सोनम के भाई गोविंद के हवाले से कहा कि "हमें दृढ़ता से विश्वास है कि सोनम जीवित है। वे उसकी तलाश ऐसे कर रहे हैं जैसे वह मर चुकी हो" . परिवार ने यह भी धमकी दी है कि अगर मेघालय के किसी मंत्री ने राज्य की छवि खराब होने के आरोप में उन पर मानहानि का केस करने की बात की है तो वे जवाबी कानूनी कार्रवाई करेंगे .
सोनम के परिवार का बचाव:सोनम के पिता, देवी सिंह रघुवंशी ने पुलिस के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। उनका कहना है "सोनम निर्दोष है...कि उनकी शादी दोनों परिवारों की सहमति से हुई थी" . उन्होंने आरोप लगाया कि मेघालय पुलिस सबूतों को नष्ट कर रही है और सीबीआई जांच की मांग दोहराई ।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT): राजा के शव मिलने के बाद, मेघालय पुलिस ने एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया, जिसमें एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, राज्य और केंद्रीय इंटेलिजेंस यूनिट्स के सदस्य शामिल थे .
ऑपरेशन हनीमून: 7 जून को, जब सोनम और अन्य आरोपियों पर संदेह पुख्ता हो गया, तो पुलिस ने 'ऑपरेशन हनीमून' लॉन्च किया। एक 20 सदस्यीय कोर टीम (कुल 120 कर्मी) ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में छापेमारी शुरू की . इस ऑपरेशन के तहत ही 8-9 जून को सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
मुख्यमंत्री का बयान: मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने ट्विटर पर राज्य पुलिस की सफलता की सराहना की: "मेघालय पुलिस ने राजा हत्याकांड में बड़ी सफलता हासिल की है... तीन संदिग्ध मध्य प्रदेश से गिरफ्तार, एक महिला ने आत्मसमर्पण किया"।
वर्तमान स्थिति:सभी पांच आरोपियों (सोनम, राज कुशवाहा, आकाश राजपूत, विशाल सिंह चौहान, आनंद कुरमी) को मेघालय ले जाया जा रहा है। पुलिस उन्हें कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड हासिल करने के बाद शिलांग ले जाएगी। गहन पूछताछ जारी है, जिसमें साजिश के हर पहलू, गहराई, और सोनम के परिवार की संभावित मिलीभगत को जांचा जा रहा है . बरामद भौतिक सबूतों (रेनकोट, माचिस, कपड़े) को हैदराबाद स्थित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) भेजा जाएगा।
अनसुलझे सवाल और आगे की राह
हालांकि पांचों आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, मामले में कई सवाल अब भी अनुत्तरित हैं:
1.परिवार की भूमिका? क्या सोनम के माता-पिता या भाई को उसके राज कुशवाहा के साथ संबंधों के बारे में पता था? क्या उन्हें हत्या की साजिश का कोई आभास था? राजा के भाई विपिन ने सीधे आरोप लगाया है कि "सोनम की मां को उनके (राज कुशवाहा के साथ) संबंधों के बारे में पता था और उन्होंने जानबूझकर यह बात राजा के परिवार से छुपाई"।पुलिस इस कोण पर भी गौर कर रही है।
2.हत्या का सही स्थान और तरीका? हालांकि पुलिस को हत्या का हथियार और सोनम का रेनकोट मिला है, आखिरकार हत्या कहां हुई? वेई सॉडॉंग वाटरफॉल के पास या रास्ते में कहीं और? क्या सिर्फ माचिस के वार से ही मौत हुई या और कुछ हुआ? पूर्ण पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है।
3.डकैती का नाटक कितना सफल रहा? आरोपियों ने राजा के शव से सोने के गहने हटाए ताकि डकैती का नाटक रचा जा सके। लेकिन क्या यह योजना पुलिस को धोखा देने में कामयाब रही? शुरुआत में डकैती की आशंका जताई गई, लेकिन जल्द ही साजिश के सबूत मिलने लगे।
4.सोनम के भाई गोविंद की भूमिका? गाजीपुर में सोनम ने सबसे पहले अपने भाई गोविंद को फोन किया। क्या गोविंद को उसकी लोकेशन या स्थिति के बारे में पहले से जानकारी थी? क्या उसने पुलिस को सूचना देने से पहले कोई और कदम उठाया?
5. कानूनी प्रक्रिया और सजा: आरोपियों के खिलाफ मेघालय पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 120बी (षड्यंत्र) और अन्य प्रासंगिक धाराएं लगाई हैं। सबूत मजबूत लगते हैं, लेकिन अदालत में उन्हें पुख्ता करना होगा। सोनम के पिता द्वारा सीबीआई जांच की मांग को देखते हुए क्या केस ट्रांसफर होगा? यह देखना बाकी है। भारतीय कानून में साजिश रचकर हत्या करने पर उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा का प्रावधान है।

 निष्कर्ष: एक भयावह चेतावनी
राजा रघुवंशी हत्याकांड सिर्फ एक अपराधिक मामला नहीं है, यह सामाजिक विघटन, वैवाहिक दबाव और इंसानी दरिंदगी की एक भयावह दास्तान है। एक नवविवाहिता द्वारा अपने पति की हनीमून पर ही साजिश रचकर हत्या करवाना, प्रेमी द्वारा हत्यारों को ट्रेनिंग देना और फिर शोकाकुल परिवार के बीच मौजूद रहना - ये सभी तत्व इस मामले को बेहद डरावना और असाधारण बनाते हैं।

यह मामला सोशल मीडिया की भूमिका और डिजिटल सबूतों के महत्व (जैसे लोकेशन शेयरिंग, सोशल मीडिया पोस्ट, सीसीटीवी फुटेज)को भी रेखांकित करता है, जिसने पुलिस को साजिश का पर्दाफाश करने में मदद की। साथ ही, यह मेघालय जैसे दूर्गम इलाकों में पर्यटक सुरक्षा और स्थानीय निगरानी व्यवस्था (जैसे पार्किंग में रजिस्टर न होना) के सवाल भी खड़े करता है .

राजा के परिवार को न्याय मिले, यही कामना है। यह केस समाज के सामने एक दर्पण रखता है जहां दिखावे के रिश्ते, जबरन शादियां और अंधा प्यार किस कदर विनाशकारी हो सकता है। सच सामने आना बाकी है, लेकिन जो तथ्य अब तक उजागर हुए हैं, वे दिल दहला देने वाले हैं।
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